व्रत एवं उपवास सत्यनारायण पूजा

सत्यनारायण पूजा

सत्यनारायण पूजा तिथि

सत्यनारायण पूजा भगवान नारायण का आशीर्वाद लेने के लिए की जाती है। भगवान नारायण भगवान विष्णु के सबसे अधिक पूजे जाने वाले अवतार माने जाते हैं। यह पूजा पूर्णिमा के दिन की जाती है। पूजा के दौरान सत्यनारायण कथा करना भक्तों के लिए बेहद लाभकारी होता है।

सत्यनारायण पूजा सुबह-शाम किसी भी समय की जा सकती है। हालांकि, शाम के समय की गई पूजा भक्तों के लिए अधिक लाभकारी होती है।

वर्ष 0 में सत्यनारायण पूजा की तिथियां

महीना दिनांक दिन व्रत का नाम तिथि का समय

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सत्यनारायण पूजा विधि और अनुष्ठान

पहले से निर्धारित कुछ अनुष्ठान हैं जिनका पालन सत्यनारायण पूजा करते समय करना चाहिए। इससे भक्तों को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त होता है।

सत्यनारायण पूजा करने की विभिन्न विधियां और अनुष्ठान यहां दिए गए हैंः

  • पंचामृतम (शहद, दूध, चीनी, दही और घी का मिश्रण) तैयार किया जाता है और भगवान विष्णु के दिव्य शालिग्राम को शुद्ध करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
  • प्रसाद या भोग के लिए पंजीरी तैयार की जाती है, जिसे गेहूं के आटे और चीनी के मिश्रण से बनाया जाता है। प्रसाद में पवित्र तुलसी के पत्ते डाले जाते हैं और फल भी चढ़ाए जाते हैं।
  • पूजा के दौरान सत्यनारायण कथा का पाठ करना बेहद लाभकारी माना जाता है। यह अवतार के पीछे की कहानी बताती है कि कैसे यह पूजा भक्तों के लिए फायदेमंद हो सकती है।
  • पूजा का समापन भगवान की तस्वीर या मूर्ति के सामने सत्यनारायण आरती के साथ होता है। यह कपूर का एक छोटा सा टुकड़ा जलाकर किया जाता है।
  • पूजा करने वाले या व्रत रखने वाले भक्त अपने व्रत का समापन करने के लिए सबसे पहले प्रसाद या पंचामृत का सेवन करते हैं।